संवाददाता द्वारा
पटना :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विधानसभा शताब्दी कार्यक्रम के लिए सभी एमएलए, एमएलसी और पूर्व सदस्यों को निमंत्रण पत्र भेजा गया। लेकिन अफसरों ने उत्तर बिहार के मधुबनी जिले से आने वाले एक ऐसे पूर्व एमएलए को न्योता भेज दिया जिनकी मौत 4 साल पहले ही मौत हो चुकी है। पयामी के नाम को एसपीजी से भी मंजूरी मिल गई। वाकये को यह पीएम की सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ माना जा रहा है। पयामी के परिजन भी इससे हैरान हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पटना में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के एक दिवंगत नेता के नाम पर न्योता आया। आमंत्रित नेता अब्दुल हई पयामी ने 1980 के दशक में लौकाहा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। 4 साल पहले उनका निधन हो गया था। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शीतलांबर झा ने कहा कि जब पयामी साहब के नाम पर निमंत्रण पत्र आया तो हम अवाक रह गए। विधानसभा अधिकारियों को पता होना चाहिए कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे।
बिहार विधानसभा सचिवालय का कहना है कि सभी मौजूदा और पूर्व विधायकों व विधान परिषद सदस्यों को विधानसभा परिसर के शताब्दी वर्ष के तहत आयोजित होने वाले समारोह में आमंत्रित किया गया है। उनका मानना है कि एक मृत व्यक्ति को आमंत्रितों की उस सूची में शामिल करना एक गंभीर चूक थी। को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। हैरानी यह है कि पीएम की सुरक्षा की जिम्मेवारी संभालने वाली एसपीजी ने भी उस लिस्ट को अप्रूव कर दिया जिसमें मृत विधायक का भी नाम शामिल है। पूर्व विधायक अब्दुल पयामी के परिजनों को जब उनके नाम का निमंत्रण पत्र मिला तो वो चौंक गए. इलाके के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी इस पर हैरानी जताई। उनका कहना था कि अफसरों को जांच पड़ताल करके ही न्योता भेजना चाहिए था। इससे झलकता है कि राज्य सरकार के साथ एसपीजी भी किस तरह से काम करती है। ये पीएम की सुरक्षा भी करते हैं।